Quran-101:10 Surah Al-qariah English Translation,Transliteration and Tafsir(Tafseer).

وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا هِيَهۡ

Transliteration:( Wa maa adraaka maa hiyah )

10. And what do you understand what that (bottomless pit) is? (Kanzul Imaan Translation)

(10) And what can make you know what that is? (Saheen International Translation)

Related Ayat(Verses)/Topics

Surah Al-Qariah Ayat 10 Tafsir (Commentry)



  • Tafseer-e-Naeemi (Ahmad Yaar Khan)
  • Ibn Kathir
  • Ala-Madudi
  • Shaheen International

"उसकी माँ हौविया होगी" का अर्थ (The Meaning of "His Mother Will Be Hawiyah")

"उसकी माँ हौविया होगी" वाक्य का गहरा प्रतीकात्मक अर्थ है। हौविया शब्द हवा से लिया गया है, जो एक गहरे पतन या गर्त को दर्शाता है, और यह नरक की गहराइयों का प्रतीक है। इस संदर्भ में इसका अर्थ है कि पापी नरक में डाले जाएंगे, जो उनका अंतिम ठिकाना होगा। "माँ" के रूप में उपमा यह दर्शाती है कि जैसे एक माँ की गोदी एक बच्चे के लिए स्वाभाविक शरणस्थली होती है, वैसे ही नरक इन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य और अंतिम शरणस्थली होगी, जिसमें दुनिया के बाद कोई बचाव नहीं होगा।

क़ुरआन में समान विषय (Similar Topics in the Quran):

  • सूरह अल-क़ारिआ (101:6-11): क़यामत के दिन कर्मों का तौलने के बारे में बताती है, जहाँ नेक लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे और अविश्वासी अपना अंजाम भुगतेंगे।
  • सूरह अल-अंकीबुत (29:69): जो लोग अल्लाह की राह में कोशिश करते हैं, उन्हें इनाम मिलेगा और वे सफलता प्राप्त करेंगे, यह नेक कर्मों की महत्ता को दर्शाता है।
  • सूरह अल-मुतफ़्फ़फीन (83:4-6): कर्मों के सही माप के बारे में बात करती है, जिसमें नेक कर्मों का इनाम और बुरे कर्मों की सजा होती है।
  • सूरह अल-आ'राफ़ (7:8-9): कर्मों के तौलने के बारे में बताती है और यह दर्शाती है कि किस प्रकार न्यायपूर्ण परिणाम होंगे, जिसमें दोनों नेक और पापी लोगों के कर्मों का हिसाब लिया जाएगा।

मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. अच्छे कर्मों का हल्कापन: अच्छे कर्मों का भार ईमान वाले के लिए हल्का महसूस हो सकता है, जबकि वे तौलने में भारी होते हैं, जिससे उनका जन्नत तक पहुंचना आसान हो जाता है।
  2. पाप का बोझ: अविश्वासियों के पाप उनके कर्मों और कंधों पर भारी होंगे, जो क़यामत के दिन उनके पछतावे और निराशा को दर्शाता है।
  3. भार की उपमा: जैसे पानी का वजन तालाब में बैठे हुए महसूस नहीं होता, लेकिन जब उसे पानी की खाल में इकट्ठा किया जाता है, तो उसका बोझ स्पष्ट होता है, ठीक वैसे ही पाप का बोझ क़यामत के दिन स्पष्ट होगा।
  4. "हौविया" का प्रतीक: "उसकी माँ हौविया होगी" वाक्य नरक की गहरी गहराई को दर्शाता है, जो पापियों के लिए एक अनिवार्य और अंतिम ठिकाना होगा, और यह उनके शाश्वत दंड का प्रतीक है।
  5. नरक को अंतिम शरणस्थली: माँ की गोदी की उपमा यह दर्शाती है कि नरक पापियों के लिए क़यामत के दिन का अनिवार्य और अंतिम घर होगा, जिसमें से कोई बचाव नहीं होगा।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Qariah verse 10 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qariah ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 11.


Ala-Maududi

(101:10) And what do you know what that is?


There is no commentary by Abul Maududi available for this verse.

(10) And what can make you know what that is?

Surah Al-Qariah All Ayat (Verses)

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