कुरान - 51:18 सूरह अज़-ज़ारियात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).
وَبِٱلۡأَسۡحَارِ هُمۡ يَسۡتَغۡفِرُونَ
तथा रात्रि की अंतिम घड़ियों[5] में वे क्षमा याचना करते थे।
सूरह अज़-ज़ारियात आयत 18 तफ़सीर
5. ह़दीस में है कि अल्लाह प्रत्येक रात में जब तिहाई रात रह जाए, तो संसार के आकाश की ओर उतरता है। और कहता है : है कोई जो मुझे पुकारे, तो मैं उसकी पुकार सुनूँ? है कोई जो माँगे, तो मैं उसे दूँ? है कोई जो मुझ से क्षमा माँगे, तो मैं उसे क्षमा कर दूँ? ( बुख़ारी : 1145, मुस्लिम : 758)
सूरह अज़-ज़ारियात आयत 18 तफ़सीर