कुरान - 51:53 सूरह अज़-ज़ारियात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).
أَتَوَاصَوۡاْ بِهِۦۚ بَلۡ هُمۡ قَوۡمٞ طَاغُونَ
क्या उन्होंने एक-दूसरे को इस (बात) की वसीयत[13] की है? बल्कि वे (स्वयं ही) सरकश लोग हैं।
सूरह अज़-ज़ारियात आयत 53 तफ़सीर
13. जब सभी ने एक ही बात कही, तो सवाल उठता है कि क्या ये सब एक-दूसरे को वसीयत कर गए हैं? यह संभव नहीं है कि उन्होंने एक-दूसरे को इसकी वसीयत की हो। इसलिए तथ्य यह है कि वे सरकश लोग हैं।
सूरह अज़-ज़ारियात आयत 53 तफ़सीर