कुरान - 46:28 सूरह अल-अहक़ाफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَلَوۡلَا نَصَرَهُمُ ٱلَّذِينَ ٱتَّخَذُواْ مِن دُونِ ٱللَّهِ قُرۡبَانًا ءَالِهَةَۢۖ بَلۡ ضَلُّواْ عَنۡهُمۡۚ وَذَٰلِكَ إِفۡكُهُمۡ وَمَا كَانُواْ يَفۡتَرُونَ

तो फिर उन लोगों ने उनकी मदद क्यों नहीं की जिन्हें उन्होंने निकटता प्राप्त करने के लिए अल्लाह के सिवा पूज्य बना रखा था? बल्कि वे उनसे गुम हो गए, और यह[18] उनका झूठ था और जो वे मिथ्यारोपण करते थे।

सूरह अल-अहक़ाफ़ आयत 28 तफ़सीर


18. अर्थात अल्लाह के अतिरिक्त को पूज्य बनाना।

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