Quran Quote  :  Surely Allah is much prone to accept repentance, is Most Compassionate. - 49:12

क़ुरआन -21:7 सूरत हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर)).

وَمَآ أَرۡسَلۡنَا قَبۡلَكَ إِلَّا رِجَالٗا نُّوحِيٓ إِلَيۡهِمۡۖ فَسۡـَٔلُوٓاْ أَهۡلَ ٱلذِّكۡرِ إِن كُنتُمۡ لَا تَعۡلَمُونَ

और (ऐ नबी!) हमने आपसे पहले पुरुषों ही को रसूल बनाकर भेजे, जिनकी ओर हम वह़्य (प्रकाशना) करते थे। अतः तुम ज़िक्र (किताब) वालों[6] से पूछ लो, यदि तुम (स्वयं) नहीं जानते हो।

Surah Ayat 7 Tafsir (Commentry)


6. अर्थात पिछली आकाशीय पुस्तकों के ज्ञानियों से।

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