और यदि कभी आपको किसी जाति की ओर से किसी विश्वासघात का भय हो, तो समानता के आधार पर उनका वचन उन पर फेंक दें।[28] निःसंदेह अल्लाह विश्वासघात करने वालों से प्रेम नहीं करता।
सूरह अल-अन्फ़ाल आयत 58 तफ़सीर
28. अर्थात उन्हें पहले सूचित कर दो कि अब हमारे तुम्हारे बीच संधि नहीं है।
सूरह अल-अन्फ़ाल आयत 58 तफ़सीर