आप उस पुस्तक को पढ़ें, जो आपकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की गई है तथा नमाज़ क़ायम करें। निःसंदेह नमाज़ निर्लज्जता और बुराई से रोकती है। और निश्चय अल्लाह का स्मरण सबसे बड़ा है और अल्लाह जानता है[23], जो कुछ तुम करते हो।
सूरह अल-अन्कबूत आयत 45 तफ़सीर
23. अर्थात जो भला-बुरा तुम करते हो, उसका तुम्हें प्रतिफल देगा।
सूरह अल-अन्कबूत आयत 45 तफ़सीर