ताकि अल्लाह आपके अगले और पिछले गुनाहों को क्षमा[2] कर दे तथा आपपर अपनी अनुकंपा पूर्ण कर दे और आपको सीधे मार्ग पर चलाए।
सूरह अल-फ़तह आयत 2 तफ़सीर
2. ह़दीस में है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रात्रि में इतनी नमाज़ पढ़ा करते थे कि आपके पाँव सूज जाते थे। तो आपसे कहा गया कि आप ऐसा क्यों करते हैं, हालाँकि अल्लाह ने तो आपके पहले तथा पिछले पाप क्षमा कर दिए हैं? तो आपने फरमाया : तो क्या मैं एक कृतज्ञ बंदा बनना पसंद न करूँ? (सह़ीह़ बुख़ारी : 4837)
सूरह अल-फ़तह आयत 2 तफ़सीर