तो उन्होंने[8] तुम्हें उस बात में झुठला दिया, जो तुम कहते हो। अतः तुम न किसी तरह (यातना) हटाने की शक्ति रखते हो और न किसी मदद की। और तुममें से जो अत्याचार[9] करेगा, हम उसे बहुत बड़ी यातना चखाएँगे।
सूरह अल-फुरक़ान आयत 19 तफ़सीर
8. यह अल्लाह का कथन है, जो वह मिश्रणवादियों से कहेगा कि तुम्हारे पूज्यों ने स्वयं अपने पूज्य होने को नकार दिया। 9. अत्याचार से तात्पर्य शिर्क (मिश्रणवाद) है। (सूरत-लुक़मान, आयत : 13)
सूरह अल-फुरक़ान आयत 19 तफ़सीर