अल्लाह को उनके मांस और उनके रक्त हरगिज़ नहीं पहुँचेंगे, परंतु उसे तुम्हारा तक़वा पहुँचेगा। इसी प्रकार, उस (अल्लाह) ने उन (पशुओं) को तुम्हारे वश में कर दिया है, ताकि तुम अल्लाह की महिमा का गान करो[26], उस मार्गदर्शन पर, जो उसने तुम्हें दिया है। और (ऐ रसूल!) आप सत्कर्मियों को शुभ सूचना सुना दें।
सूरह अल-हज्ज आयत 37 तफ़सीर
26. ज़बह़ करते समय (बिस्मिल्लाहि, अल्लाहु अकबर) कहो।
सूरह अल-हज्ज आयत 37 तफ़सीर