कुरान - 104:3 सूरह अल-हुमज़ा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).
يَحۡسَبُ أَنَّ مَالَهُۥٓ أَخۡلَدَهُۥ
वह समझता है कि उसके धन ने उसे हमेशा रहने वाला बना दिया?[1]
सूरह अल-हुमज़ा आयत 3 तफ़सीर
1. (1-3) इन आयतों में धन के पुजारियों के अपने धन के घमंड में दूसरों का अपमान करने और उनकी कृपणता (कंजूसी) का चित्रण किया गया है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि यह आचरण विनाशकारी है, धन किसी को संसार में सदा जीवित नहीं रखेगा, एक समय आएगा कि उसे सब कुछ छोड़ कर ख़ाली हाथ जाना पड़ेगा।
सूरह अल-हुमज़ा आयत 3 तफ़सीर