और न सुस्ती करो और न ग़म खाओ (14) तुम्ही ग़ालिब आओगे अगर ईमान रखते हो
सूरह आल-ए-इमरान आयत 139 तफ़सीर
यह अल्लाह का वादा वास्तव में सच्चा और ईमानदार है। इसके विपरीत, हम जैसे अविश्वासी और अनिश्चित लोग इस शर्त का पालन नहीं कर पाए और इस कारण से अपमानित हुए। इससे हमें यह सीखने को मिलता है कि हजरत मुहम्मद के सभी साथियों, खासकर चारों खलीफा (अल्लाह उन पर रहमत करे), सच्चे और ईमानदार ईमान वाले थे, क्योंकि अल्लाह का उनके सम्मान और प्रतिष्ठा का वादा उनके ईमान की बुनियाद पर था। उन्होंने इस शर्त का पालन किया, इसलिए अल्लाह ने उन्हें प्रतिष्ठा, खिलाफ़त, शासन आदि प्रदान किया।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 139 तफ़सीर