यदि तुम्हें आघात पहुँचा है, तो उन लोगों[75] को भी इसी के समान आघात पहुँच चुका है। तथा इन दिनों को हम लोगों के बीच फेरते रहते[76] हैं। और ताकि अल्लाह उन लोगों को जान ले[77] जो ईमान वाले हैं, और तुममें से कुछ लोगों को शहादत नसीब करे। और अल्लाह अत्याचार करने वालों को पसंद नहीं करता।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 140 तफ़सीर
75. इसमें क़ुरैश की बद्र में पराजय और उनके 70 व्यक्तियों के मारे जाने की ओर संकेत है। 76. अर्थात कभी किसी की जीत होती है, कभी किसी की। 77. अर्थात अच्छे बुरे में अंतर कर दे।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 140 तफ़सीर