कुरान - 3:152 सूरह आल-ए-इमरान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَلَقَدۡ صَدَقَكُمُ ٱللَّهُ وَعۡدَهُۥٓ إِذۡ تَحُسُّونَهُم بِإِذۡنِهِۦۖ حَتَّىٰٓ إِذَا فَشِلۡتُمۡ وَتَنَٰزَعۡتُمۡ فِي ٱلۡأَمۡرِ وَعَصَيۡتُم مِّنۢ بَعۡدِ مَآ أَرَىٰكُم مَّا تُحِبُّونَۚ مِنكُم مَّن يُرِيدُ ٱلدُّنۡيَا وَمِنكُم مَّن يُرِيدُ ٱلۡأٓخِرَةَۚ ثُمَّ صَرَفَكُمۡ عَنۡهُمۡ لِيَبۡتَلِيَكُمۡۖ وَلَقَدۡ عَفَا عَنكُمۡۗ وَٱللَّهُ ذُو فَضۡلٍ عَلَى ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

तथा अल्लाह ने तुम्हें अपना वचन सच कर दिखाया, जब तुम उसकी अनुमति से उन्हें काट[80] रहे थे। यहाँ तक कि जब तुमने कायरता दिखाई, तथा (रसूल के) आदेश[81] (के अनुपालन) में विवाद कर लिया और अवज्ञा की। (यह सब कुछ) इसके बाद (हुआ) कि अल्लाह ने तुम्हें वह चीज़ दिखा दी थी, जिसे तुम पसंद करते थे। तुममें से कुछ लोग दुनिया चाहते थे तथा कुछ लोग आख़िरत के इच्छुक थे। फिर उसने तुम्हें उनके मुक़ाबले से हटा दिया, ताकि तुम्हारी परीक्षा ले। निश्चय ही उसने तुम्हें क्षमा कर दिया और अल्लाह ईमान वालों के लिए अनुग्रहशील है।

सूरह आल-ए-इमरान आयत 152 तफ़सीर


80. अर्थात उह़ुद के आरंभिक क्षणों में। 81. अर्थात कुछ धनुर्धरों ने आपके आदेश का पालन नहीं किया, और गनीमत का धन संचित करने के लिए अपना स्थान छोड़ दिया, जो पराजय का कारण बन गया। और शत्रु को उस दिशा से आक्रमण करने का अवसर मिल गया।

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