जब इमरान की पत्नी[16] ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मैंने तेरे[17] लिए उसकी मन्नत मानी है, जो मेरे पेट में है कि आज़ाद छोड़ा हुआ होगा। सो मुझसे स्वीकार कर। निःसंदेह तू ही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 35 तफ़सीर
16. अर्थात मरयम की माँ। 17. अर्थात बैतुल मक़दिस की सेवा के लिए।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 35 तफ़सीर