ऐ किताब वालो! तुम इबराहीम के (धर्म के) बारे में क्यों झगड़ते[30] हो? जबकि तौरात और इंजील तो उसके पश्चात ही उतारे गए हैं, तो क्या तुम समझते नहीं?
सूरह आल-ए-इमरान आयत 65 तफ़सीर
30. अर्थात यह क्यों कहते हो कि इबराहीम अलैहिस्सलाम हमारे धर्म पर थे। तौरात और इंजील तो उनके हज़ारों वर्ष पश्चात् अवतरित हुए। तो वह इन धर्मों पर कैसे हो सकते हैं।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 65 तफ़सीर