और निःसंदेह उनमें से निश्चय कुछ लोग[40] ऐसे हैं, जो किताब (पढ़ने) के साथ अपनी ज़बानें मरोड़ते हैं, ताकि तुम उसे पुस्तक में से समझो, हालाँकि वह पुस्तक में से नहीं और कहते हैं, यह अल्लाह की ओर से है। हालाँकि वह अल्लाह की ओर से नहीं और अल्लाह पर झूठ कहते हैं, हालाँकि वे जानते हैं।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 78 तफ़सीर
40. इससे अभिप्राय यहूदी विद्वान हैं। और पुस्तक से अभिप्राय तौरात है।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 78 तफ़सीर