और जब उनके सामने क़ुरआन पढ़ा जाता है, तो सजदा नहीं करते।[3]
सूरह अल-इन्शिक़ाक़ आयत 21 तफ़सीर
3. (16-21) इन आयतों में ब्रह्मांड के कुछ लक्षणों को साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत करके सावधान किया गया है कि जिस प्रकार यह ब्रह्मांड तीन स्थितियों से गुज़रता है, उसी प्रकार तुम्हें भी तीन स्थितियों से गुज़रना है : सांसारिक जीवन, फिर मरण, फिर परलोक का स्थायी जीवन जिसका सुख-दुख सांसारिक कर्मों के आधार पर होगा।
सूरह अल-इन्शिक़ाक़ आयत 21 तफ़सीर