कुरान - 18:31 सूरह अल-कहफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

أُوْلَـٰٓئِكَ لَهُمۡ جَنَّـٰتُ عَدۡنٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهِمُ ٱلۡأَنۡهَٰرُ يُحَلَّوۡنَ فِيهَا مِنۡ أَسَاوِرَ مِن ذَهَبٖ وَيَلۡبَسُونَ ثِيَابًا خُضۡرٗا مِّن سُندُسٖ وَإِسۡتَبۡرَقٖ مُّتَّكِـِٔينَ فِيهَا عَلَى ٱلۡأَرَآئِكِۚ نِعۡمَ ٱلثَّوَابُ وَحَسُنَتۡ مُرۡتَفَقٗا

यही लोग हैं, जिनके लिए स्थायी बाग़ हैं, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं। वहाँ उन्हें सोने के कंगन[15] पहनाए जाएँगे। तथा वे महीन और गाढ़े रेशम के हरे वस्त्र पहनेंगे। वहाँ तख़्तों पर तकिया लगाए हुए होंगे। यह क्या ही अच्छा बदला है और क्या ही अच्छा विश्राम स्थान है।

सूरह अल-कहफ़ आयत 31 तफ़सीर


15. यह स्वर्ग वासियों का स्वर्ण कंगन है। किंतु संसार में इस्लाम की शिक्षानुसार पुरुषों के लिए सोने का कंगन पहनना ह़राम है।

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