कुरान - 77:50 सूरह अल-मुर्सलात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَبِأَيِّ حَدِيثِۭ بَعۡدَهُۥ يُؤۡمِنُونَ

फिर इस (क़ुरआन) के बाद वे किस बात पर ईमान[14] लाएँगे?

सूरह अल-मुर्सलात आयत 50 तफ़सीर


14. अर्थात जब अल्लाह की अंतिम पुस्तक पर ईमान नहीं लाते, तो फिर कोई दूसरी पुस्तक नहीं हो सकती, जिस पर वे ईमान लाएँ। इसलिए कि अब और कोई पुस्तक आसमान से आने वाली नहीं है।

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