Quran Quote  :  For those who vow abstinence from their wives there is a respite of four months. - 2:226

कुरान - 68:1 सूरह अल-क़लम हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

نٓۚ وَٱلۡقَلَمِ وَمَا يَسۡطُرُونَ

नून। क़सम है क़लम की तथा उसकी[1] जो वे लिखते हैं।

सूरह अल-क़लम आयत 1 तफ़सीर


1. अर्थात क़ुरआन की। जिसे उतरने के साथ ही नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) लेखकों से लिखवाते थे। जैसे ही कोई सूरत या आयत उतरती, लेखक क़लम तथा चमड़ों और झिल्लियों के साथ उपस्थित हो जाते थे, ताकि पूरे संसार के मनुष्यों को क़ुरआन अपने वास्तविक रूप में पहुँच सके। और सदा के लिए सुरक्षित हो जाए। क्योंकि अब आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पश्चात् कोई नबी और कोई पुस्तक नहीं आएगी। और प्रलय तक के लिए अब पूरे संसार के नबी आप ही हैं। और उनके मार्गदर्शन के लिए क़ुरआन ही एकमात्र धर्म पुस्तक है। इसी लिए इसे सुरक्षित कर दिया गया है। और यह विशेषता किसी भी आकाशीय ग्रंथ को प्राप्त नहीं है। इस लिए अब मोक्ष के लिए अंतिम नबी तथा अंतिम धर्म ग्रंथ क़ुरआन पर ईमान लाना अनिवार्य है।

अल-क़लम सभी आयतें

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