फिर दोनों में से एक बहुत लज्जा के साथ चलती हुई उसके पास आई। उसने कहा : निःसंदेह मेरे पिता[7] आपको बुला रहे हैं। ताकि आपको उसका बदला दें जो आपने हमारे लिए (जानवरों को) पानी पिलाया है। तो जब वह (मूसा) उसके पास आया और उसे पूरी स्थिति बताई, तो उसने कहा : डरो मत, तुम उन ज़ालिम लोगों[8] से बच निकले हो।
Surah Ayat 25 Tafsir (Commentry)
7. व्याख्याकारों ने लिखा है कि वह आदरणीय शुऐब (अलैहिस्सलाम) थे जो मदयन के नबी थे। (देखिए : इब्ने कसीर) 8. अर्थात फ़िरऔनियों से।
Surah Ayat 25 Tafsir (Commentry)