कुरान - 28:52 सूरह अल-क़सस हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

ٱلَّذِينَ ءَاتَيۡنَٰهُمُ ٱلۡكِتَٰبَ مِن قَبۡلِهِۦ هُم بِهِۦ يُؤۡمِنُونَ

जिन लोगों को हमने इससे पहले किताब[15] दी थी, वे[16] इसपर ईमान लाते हैं।

सूरह अल-क़सस आयत 52 तफ़सीर


15. अर्थात तौरात तथा इंजील। 16. अर्थात उनमें से जिन्होंने अपनी मूल पुस्तक में परिवर्तन नहीं किया है।

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