कुरान - 56:30 सूरह अल-वाक़िआ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَظِلّٖ مَّمۡدُودٖ

और ऐसी छाया में जो अच्छी तरह फैली हुई है।[4]

सूरह अल-वाक़िआ आयत 30 तफ़सीर


4. ह़दीस में है कि स्वर्ग में एक वृक्ष है जिसकी छाया में सवार सौ वर्ष चलेगा फिर भी वह समाप्त नहीं होगी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4881)

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