Quran Quote  :  Whatever you may spend in the cause of Allah shall be fully repaid to you, and you shall not be wronged. - 8:60

कुरान - 16:33 सूरह अन-नहल हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

هَلۡ يَنظُرُونَ إِلَّآ أَن تَأۡتِيَهُمُ ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةُ أَوۡ يَأۡتِيَ أَمۡرُ رَبِّكَۚ كَذَٰلِكَ فَعَلَ ٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِهِمۡۚ وَمَا ظَلَمَهُمُ ٱللَّهُ وَلَٰكِن كَانُوٓاْ أَنفُسَهُمۡ يَظۡلِمُونَ

क्या वे इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उनके पास फ़रिश्ते[11] आ जाएँ, अथवा आपके पालनहार का आदेश[12] आ पहुँचे? ऐसे ही उन लोगों ने किया, जो इनसे पहले थे और अल्लाह ने उनपर अत्याचार नहीं किया, लेकिन वे स्वयं अपने आपपर अत्याचार किया करते थे।

सूरह अन-नहल आयत 33 तफ़सीर


11. अर्थात प्राण निकालने के लिए। 12. अर्थात अल्लाह की यातना या प्रलय।

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