तो आप अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का वर्णन करें और उससे क्षमा माँगें, निःसंदेह वह बहुत तौबा क़बूल करने वाला है।[2]
सूरह अन-नस्र आयत 3 तफ़सीर
2. इस आयत में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से कहा गया है कि इतना बड़ा काम आपने अल्लाह की दया से पूरा किया है, इसके लिए उसकी प्रशंसा और पवित्रता का वर्णन तथा उसकी कृतज्ञता व्यक्त करें। इसमें सभी के लिए यह शिक्षा है कि कोई पुण्य कार्य अल्लाह की दया के बिना नहीं होता। इसलिए उसपर घमंड नहीं करना चाहिए।
सूरह अन-नस्र आयत 3 तफ़सीर