Quran Quote  :  Neither offer your Prayer in too loud a voice, nor in a voice too low; but follow a middle course - 17:110

क़ुरआन -24:4 सूरत हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर)).

وَٱلَّذِينَ يَرۡمُونَ ٱلۡمُحۡصَنَٰتِ ثُمَّ لَمۡ يَأۡتُواْ بِأَرۡبَعَةِ شُهَدَآءَ فَٱجۡلِدُوهُمۡ ثَمَٰنِينَ جَلۡدَةٗ وَلَا تَقۡبَلُواْ لَهُمۡ شَهَٰدَةً أَبَدٗاۚ وَأُوْلَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلۡفَٰسِقُونَ

तथा जो लोग सच्चरित्रा स्त्रियों पर व्यभिचार का आरोप[5] लगाएँ, फिर चार गवाह न लाएँ, तो उन्हें अस्सी कोड़े मारो और उनकी कोई गवाही कभी स्वीकार न करो और वही अवज्ञाकारी लोग हैं।

Surah Ayat 4 Tafsir (Commentry)


5. इसमें किसी पवित्र पुरुष या स्त्री पर व्यभिचार का कलंक लगाने का दंड बताया गया है कि जो पुरुष अथवा स्त्री किसी पर कलंक लगाए, तो वह चार ऐसे साक्षी लाए जिन्होंने उनको व्यभिचार करते अपनी आँखों से देखा हो। और यदि वह प्रमाण स्वरूप चार साक्षी न लाए तो उस के तीन आदेश हैः (क) उसे अस्सी कोड़ लगाये जाएँ। (ख) उसका साक्ष्य कभी स्वीकार न किया जाए। (ग) वह अल्लाह तथा लोगों के समक्ष दुराचारी है।

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