Quran Quote : And bear with patience, (O Muhammad) - and your patience is only because of the help of Allah - and do not grieve over them, nor feel distressed by their evil plans. - 16:127
क्या आपने नहीं देखा कि अल्लाह ही की पवित्रता का गान करते हैं, जो आकाशों तथा धरती में हैं तथा पंख फैलाए हुए पक्षी (भी)? प्रत्येक ने निश्चय अपनी नमाज़ और पवित्रता गान को जान लिया[37] है। और अल्लाह उसे भली-भाँति जानने वाला है, जो वे करते हैं।
Surah Ayat 41 Tafsir (Commentry)
37. अर्थात तुम भी उसकी पवित्रता का गान करो और उसकी आज्ञा का पालन करो।
Surah Ayat 41 Tafsir (Commentry)