और जब वे अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर बुलाए जाते हैं, ताकि वह (रसूल) उनके बीच (विवाद का) निर्णय करें, तो अचानक उनमें से एक गिरोह मुँह फेरने वाला होता है।
Surah Ayat 48 Tafsir (Commentry)
- یعنی تجھے سارے حالات کا علم ہے اور بچپن میں جس طرح تو نے ہم پر احسان کئے، اب بھی اپنے احسانات سے ہمیں محروم نہ رکھ۔
Surah Ayat 48 Tafsir (Commentry)