परंतु जो लोग इसके बाद तौबा करें तथा सुधार कर लें, तो निश्चय अल्लाह अत्यंत क्षमाशील, असीम दयावान् है।[6]
सूरह अन-नूर आयत 5 तफ़सीर
6. सभी विद्वानों की सर्वसम्मति है कि क्षमा याचना से उसे दंड (अस्सी कोड़े) से क्षमा नहीं मिलेगी। बल्कि क्षमा के पश्चात् वह अवज्ञाकारी नहीं रह जाएगा, तथा उसका साक्ष्य स्वीकार किया जाएगा। अधिकतर विद्वानों का यही विचार है।
सूरह अन-नूर आयत 5 तफ़सीर