कुरान - 9:126 सूरह अत-तौबा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

أَوَلَا يَرَوۡنَ أَنَّهُمۡ يُفۡتَنُونَ فِي كُلِّ عَامٖ مَّرَّةً أَوۡ مَرَّتَيۡنِ ثُمَّ لَا يَتُوبُونَ وَلَا هُمۡ يَذَّكَّرُونَ,

और क्या वे नहीं देखते कि निःसंदेह वे प्रत्येक वर्ष एक या दो बार आज़माए[59] जाते हैं? फिर भी वे न तौबा करते हैं और न ही वे उपदेश ग्रहण करते हैं!

सूरह अत-तौबा आयत 126 तफ़सीर


59. अर्थात उनपर आपदा आती है तथा अपमानित किए जाते हैं। (इब्ने कसीर)

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