Quran Quote  :  So if you meet them in war, make of them a fearsome example for those who follow them that they may he admonished. - 8:57

कुरान - 43:4 सूरह अज़-ज़ुख़रुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَإِنَّهُۥ فِيٓ أُمِّ ٱلۡكِتَٰبِ لَدَيۡنَا لَعَلِيٌّ حَكِيمٌ

तथा निःसंदेह वह हमारे पास मूल पुस्तक[1] में निश्चय बड़ा उच्च तथा पूर्ण हिकमत वाला है।

सूरह अज़-ज़ुख़रुफ़ आयत 4 तफ़सीर


1. मूल पुस्तक से अभिप्राय 'लौह़-मह़फ़ूज़' (सुरक्षित पुस्तक) है। जिससे सभी आकाशीय पुस्तकें अलग करके अवतरित की गई हैं। सूरतुल-वाक़िआ में इसी को "किताब-मक्नून" कहा गया है। सूरतुल-बुरूज में इसे "लौह़-मह़फ़ूज़" कहा गया है। सूरतुश्-शुअरा में कहा गया है कि यह अगले लोगों की पुस्तकों में है। सूरतुल-आला में कहा गया है कि यह विषय पहली पुस्तकों में भी अंकित है। सारांश यह है कि क़ुरआन के इनकार करने का कोई कारण नहीं। तथा क़ुरआन का इनकार सभी पहली पुस्तकों का इनकार करने के बराबर है।

अज़-ज़ुख़रुफ़ सभी आयतें

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