निःसंदेह जो लोग बिना किसी प्रमाण के, जो उनके पास आया हो[16], अल्लाह की आयतों के बारे में झगड़ते हैं, उनके दिलों में बड़ाई के सिवा कुछ नहीं है, जिस तक वे पहुँचने वाले नहीं हैं। अतः आप अल्लाह की शरण लें। निःसंदेह वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
Surah Ayat 56 Tafsir (Commentry)
16. अर्थात बिना किसी ऐसे प्रमाण के जो अल्लाह की ओर से आया हो। उनके सब प्रमाण वे हैं, जो उन्होंने अपने पूर्वजों से सीखे हैं। जिनकी कोई वास्तविकता नहीं है।
Surah Ayat 56 Tafsir (Commentry)