और \'आद\' (जाति) की ओर उनके भाई हूद को भेजा। उन्होंने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (उपासना) करो। उसके अलावा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम तो केवल झूठी बातें गढ़ने वाले लोग हो।[14]
Surah Ayat 50 Tafsir (Commentry)
14. अर्थात अल्लाह के सिवा तुमने जो पूज्य बना रखे हैं, वे तुम्हारे मनगढ़ंत पूज्य हैं।
Surah Ayat 50 Tafsir (Commentry)