उनके रसूलों ने उनसे कहा : हम तो तुम्हारे जैसे इनसान ही हैं, परन्तु अल्लाह अपने बंदों में से जिसपर चाहे, उपकार करता है। और हमारे लिए कभी संभव नहीं कि अल्लाह की अनुमति के बिना तुम्हारे पास कोई प्रमाण ले आएँ और ईमान वालों को अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिए।