तथा (ऐ नबी! याद करो) जब अल्लाह ने किताब वालों[111] से पक्का वचन लिया था कि तुम अवश्य इसे लोगों के सामने बयान करते रहोगे और इसे छुपाओगे नहीं, तो उन्होंने इस वचन को पीठ पीछे डाल दिया और उसके बदले तनिक मूल्य प्राप्त[112] कर लिया। तो वे कितनी बुरी चीज़ खरीद रहे हैं?
सूरह आल-ए-इमरान आयत 187 तफ़सीर
111. किताब वाले अर्थातः यहूद और नसारा (ईसाई) जिन्हें तौरात और इंजील दिया गया। 112. अर्थात तुच्छ सांसारिक लाभ के लिए सत्य का सौदा करने लगे।
सूरह आल-ए-इमरान आयत 187 तफ़सीर