वे (फ़रिश्ते) कहेंगे : तू पवित्र है! तू ही उनके सिवा हमारा संरक्षक है। बल्कि वे तो जिन्नों[35] की इबादत करते थे। उनमें से अधिकतर लोग उन्हीं पर ईमान रखने वाले थे।
सूरह सबअ आयत 41 तफ़सीर
35. अरब के कुछ मुश्रिक लोग, फ़रिश्तों को पूज्य समझते थे। अतः उनसे यह प्रश्न किया जाएगा।
सूरह सबअ आयत 41 तफ़सीर