तथा ''ऐका'' के वासियों ने और ''तुब्बा''[3] की जाति ने। प्रत्येक ने रसूलों को झुठलाया।[4] तो उनपर मेरे अज़ाब का वादा साबित हो गया।
Surah Ayat 14 Tafsir (Commentry)
3. देखिए : सूरतुद्-दुख़ान, आयत : 37। 4. इन आयतों में इन जातियों के विनाश की चर्चा करके क़ुरआन और नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को न मानने के परिणाम से सावधान किया गया है।
Surah Ayat 14 Tafsir (Commentry)