Quran Quote  :  Enjoin Prayer on your household, and do keep observing it. - 20:132

कुरान - 58:7 सूरह अल-मुजादिला हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

أَلَمۡ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ يَعۡلَمُ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِي ٱلۡأَرۡضِۖ مَا يَكُونُ مِن نَّجۡوَىٰ ثَلَٰثَةٍ إِلَّا هُوَ رَابِعُهُمۡ وَلَا خَمۡسَةٍ إِلَّا هُوَ سَادِسُهُمۡ وَلَآ أَدۡنَىٰ مِن ذَٰلِكَ وَلَآ أَكۡثَرَ إِلَّا هُوَ مَعَهُمۡ أَيۡنَ مَا كَانُواْۖ ثُمَّ يُنَبِّئُهُم بِمَا عَمِلُواْ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِۚ إِنَّ ٱللَّهَ بِكُلِّ شَيۡءٍ عَلِيمٌ

क्या आपने नहीं देखा कि अल्लाह जानता है, जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है? तीन व्यक्तियों की कोई कानाफूसी नहीं होती, परंतु वह (अल्लाह) उनका चौथा होता है। और न पाँच (आदमियों) की, परंतु वह उनका छठा होता है। और न इससे कम और न अधिक की, परंतु वह उनके साथ होता[3] है, वे जहाँ भी हों। फिर वह क़ियामत के दिन उन्हें उनके कर्मों से सूचित कर देगा। निःसंदेह अल्लाह प्रत्येक वस्तु से भली-भाँति अवगत है।

सूरह अल-मुजादिला आयत 7 तफ़सीर


3. अर्थात जानता और सुनता है।

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