कुरान - 84:5 सूरह अल-इन्शिक़ाक़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَأَذِنَتۡ لِرَبِّهَا وَحُقَّتۡ

और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगी और यही उसके योग्य है।[1]

सूरह अल-इन्शिक़ाक़ आयत 5 तफ़सीर


1. (1-5) इन आयतों में प्रलय के समय आकाश एवं धरती में जो हलचल होगी उसका चित्रण करते हुए यह बताया गया है कि इस ब्रह्मांड के विधाता के आज्ञानुसार ये आकाश और धरती कार्यरत हैं और प्रलय के समय भी उसी की आज्ञा का पालन करेंगे। धरती को फैलाने का अर्थ यह है कि पर्वत आदि खंड-खंड होकर समस्त भूमि चौरस कर दी जाएगी।

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