उन्होंने कहा : ऐ सालेह! हमें इससे पहले तुझसे बड़ी आशाएँ थीं। क्या तू हमें उन (बुतों) की पूजा करने से रोक रहा है, जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए हैं? तू जिस चीज़ की ओर हमें बुला रहा है, निःसंदेह उसके बारे में हमें (ऐसा) संदेह है, जो हमें दुविधा में डाले हुए है।
Surah Ayat 62 Tafsir (Commentry)
(1) ایک دوسرے سے دنیا کے حالات پوچھیں گے کہ دنیا میں وہ کن حالات میں زندگی گزارتے اور ایمان وعمل کے تقاضے کس طرح پورے کرتے رہے؟
Surah Ayat 62 Tafsir (Commentry)