कुरान - 31:6 सूरह लुक़मान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَمِنَ ٱلنَّاسِ مَن يَشۡتَرِي لَهۡوَ ٱلۡحَدِيثِ لِيُضِلَّ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِ بِغَيۡرِ عِلۡمٖ وَيَتَّخِذَهَا هُزُوًاۚ أُوْلَـٰٓئِكَ لَهُمۡ عَذَابٞ مُّهِينٞ

तथा लोगों में कोई ऐसा (भी) है, जो असावधान करने वाली बात[1] खरीदता है, ताकि बिना ज्ञान के (लोगों को) अल्लाह के मार्ग (इस्लाम) से गुमराह करे और अल्लाह की आयतों का उपहास करे। यही लोग हैं, जिनके लिए अपमानकारी यातना है।

सूरह लुक़मान आयत 6 तफ़सीर


1. इससे अभिप्राय गाना-बजाना तथा संगीत और प्रत्येक वे साधन हैं, जो सत्कर्म से अचेत कर दें। इसमें क़िस्से, कहानियाँ, काम संबंधी साहित्य सब सम्मिलित हैं।

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