तथा (हमने) सुलैमान के लिए हवा को (वशीभूत कर दिया)। उसका सुबह का चलना एक महीने का तथा शाम का चलना एक महीने[10] का होता था। तथा हमने उसके लिए तांबे का स्रोत बहा दिया। तथा कुछ जिन्नों को भी (उसके वश में कर दिया), जो उसके सामने उसके पालनहार की अनुमति से काम करते थे। तथा उनमें से जो भी हमारे आदेश से फिरेगा, हम उसे भड़कती आग की यातना चखाएँगे।
सूरह सबअ आयत 12 तफ़सीर
10. सुलैमान (अलैहिस्सलाम) अपने राज्य के अधिकारियों के साथ सिंहासन पर आसीन हो जाते। और उनके आदेश से वायु उसे इतनी तीव्र गति से उड़ा ले जाती कि आधे दिन में एक महीने की यात्रा पूरी कर लेते। इस प्रकार सुबह और शाम मिलाकर दो महीने की यात्रा पूरी हो जाती। (देखिए : इब्ने कसीर)
सूरह सबअ आयत 12 तफ़सीर