सबा[13] जाति के लिए उनके निवास-स्थान में एक निशानी[14] थी। (उसके) दाएँ और बाएँ दो बाग़ थे। (हमने कहा था :) अपने पालनहार की दी हुई रोज़ी से खाओ और उसके प्रति आभार प्रकट करो। (यह) एक अच्छा शहर है तथा अति क्षमाशील पालनहार है।
सूरह सबअ आयत 15 तफ़सीर
13. यह जाति यमन में निवास करती थी। 14. अर्थात अल्लाह के सामर्थ्य की।
सूरह सबअ आयत 15 तफ़सीर