तो उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमारी यात्राओं के बीच दूरी[18] बना दे! तथा उन्होंने अपने ऊपर ज़ुल्म किया। अंततः हमने उन्हें कहानियाँ[19] बना दिया और उन्हें पूरी तरह तित्तर-बित्तर कर दिया। निःसंदेह इसमें हर बड़े धैर्यवान् और बहुत शुक्र करने वाले के लिए कई निशानियाँ (शिक्षाएँ) हैं।
सूरह सबअ आयत 19 तफ़सीर
18. हमारी यात्राओं के बीच कोई बस्ती न हो। 19. उनकी कथाएँ रह गईं, और उनका अस्तित्व मिट गया।
सूरह सबअ आयत 19 तफ़सीर