और राजा ने कहा : उसे मेरे पास लाओ। फिर जब दूत यूसुफ़ के पास पहुँचा, तो उन्होंने (उससे) कहा : अपने मालिक के पास वापस जाओ[14] और उससे पूछो कि उन स्त्रियों का क्या मामला है, जिन्होंने अपने हाथ काट लिए थे? निःसंदेह मेरा पालनहार उन स्त्रियों के छल से भली-भाँति अवगत है।
सूरह यूसुफ़ आयत 50 तफ़सीर
14. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को बंदी बनाए जाने से अधिक उसका कारण जानने की चिंता थी। वह चाहते थे कि क़ैद से निकलने से पहले यह सिद्ध होना चाहिए कि मैं निर्दोष था।
सूरह यूसुफ़ आयत 50 तफ़सीर