जिस दिन सूर[37] में फूँका जाएगा और हम अपराधियों को उस दिन इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि नीली आँखों वाले होंगे।
सूरह ता-हा आयत 102 तफ़सीर
37. "सूर" का अर्थ नरसिंघा है, जिसमें अल्लाह के आदेश से एक फ़रिश्ता इसराफ़ील अलैहिस्सलाम फूँकेगा, और प्रलय आ जाएगी। (मुसनद अह़्मद : 2191) और पुनः फूँकेगा तो सब जीवित होकर हश्र के मैदान में आ जाएँगे।
सूरह ता-हा आयत 102 तफ़सीर