कुरान - 20:130 सूरह ता-हा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

فَٱصۡبِرۡ عَلَىٰ مَا يَقُولُونَ وَسَبِّحۡ بِحَمۡدِ رَبِّكَ قَبۡلَ طُلُوعِ ٱلشَّمۡسِ وَقَبۡلَ غُرُوبِهَاۖ وَمِنۡ ءَانَآيِٕ ٱلَّيۡلِ فَسَبِّحۡ وَأَطۡرَافَ ٱلنَّهَارِ لَعَلَّكَ تَرۡضَىٰ

अतः जो कुछ वे कहते हैं, उसपर सब्र करें तथा सूर्य उगने से पहले[42] और उसके डूबने से पहले[43] अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करें, और रात की कुछ घड़ियों[44] में भी पवित्रता बयान करें, और दिन के किनारों[45] में, ताकि आप प्रसन्न हो जाएँ।

सूरह ता-हा आयत 130 तफ़सीर


42. अर्थात फ़ज्र की नमाज में। 43. अर्थात अस्र की नमाज़ में। 44. अर्थात इशा की नमाज़ में। 45. अर्थात ज़ुह्र तथा मग़्रिब की नमाज़ में।

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