Quran Quote  :  So when the Qur'an is recited, listen carefully to it, and keep silent so that you may, be shown mercy.' - 7:204

कुरान - 36:51 सूरह या-सीन हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

وَنُفِخَ فِي ٱلصُّورِ فَإِذَا هُم مِّنَ ٱلۡأَجۡدَاثِ إِلَىٰ رَبِّهِمۡ يَنسِلُونَ

तथा सूर (नरसिंघा) में फूँक[17] मारी जाएगी, तो एकाएक वे क़ब्रों से (निकलकर) अपने पालनहार की ओर दौड़ रहे होंगे।

सूरह या-सीन आयत 51 तफ़सीर


17. इससे अभिप्राय दूसरी बार सूर फूँकना है जिससे सभी जीवित होकर अपनी समाधियों से निकल पड़ेंगे।

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