सूरह अर-रअद - हिन्दी अनुवाद, लिप्यंतरण, तफ्सीर - आयात [1-10] तक

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بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

 

الٓمٓرۚ تِلۡكَ ءَايَٰتُ ٱلۡكِتَٰبِۗ وَٱلَّذِيٓ أُنزِلَ إِلَيۡكَ مِن رَّبِّكَ ٱلۡحَقُّ وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَ ٱلنَّاسِ لَا يُؤۡمِنُونَ

अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ रा॰। ये पूर्ण पुस्तक (क़ुरआन) की आयतें हैं। और जो कुछ (ऐ नबी!) आपपर, आपके पालनहार की ओर से उतारा गया है, सर्वथा सत्य है। परंतु अधिकतर लोग ईमान (विश्वास) नहीं लाते।

ٱللَّهُ ٱلَّذِي رَفَعَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ بِغَيۡرِ عَمَدٖ تَرَوۡنَهَاۖ ثُمَّ ٱسۡتَوَىٰ عَلَى ٱلۡعَرۡشِۖ وَسَخَّرَ ٱلشَّمۡسَ وَٱلۡقَمَرَۖ كُلّٞ يَجۡرِي لِأَجَلٖ مُّسَمّٗىۚ يُدَبِّرُ ٱلۡأَمۡرَ يُفَصِّلُ ٱلۡأٓيَٰتِ لَعَلَّكُم بِلِقَآءِ رَبِّكُمۡ تُوقِنُونَ

अल्लाह वह है, जिसने आकाशों को बिना स्तंभों के ऊँचा किया, जिन्हें तुम देखते हो। फिर वह अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ। तथा सूरज और चाँद को वशीभूत किया। प्रत्येक एक नियत समय के लिए चल रहा है। वह हर काम की व्यवस्था करता है। वह निशानियों को विस्तार से बयान करता है, ताकि तुम अपने पालनहार से मिलने का विश्वास कर लो।

وَهُوَ ٱلَّذِي مَدَّ ٱلۡأَرۡضَ وَجَعَلَ فِيهَا رَوَٰسِيَ وَأَنۡهَٰرٗاۖ وَمِن كُلِّ ٱلثَّمَرَٰتِ جَعَلَ فِيهَا زَوۡجَيۡنِ ٱثۡنَيۡنِۖ يُغۡشِي ٱلَّيۡلَ ٱلنَّهَارَۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يَتَفَكَّرُونَ

तथा वही है, जिसने धरती को फैलाया और उसमें पर्वत और नदियाँ बनाईं और प्रत्येक फल के दो-दो प्रकार बनाए। वह रात को दिन पर उढ़ा देता है। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए निश्चय बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो सोच-विचार करते हैं।

وَفِي ٱلۡأَرۡضِ قِطَعٞ مُّتَجَٰوِرَٰتٞ وَجَنَّـٰتٞ مِّنۡ أَعۡنَٰبٖ وَزَرۡعٞ وَنَخِيلٞ صِنۡوَانٞ وَغَيۡرُ صِنۡوَانٖ يُسۡقَىٰ بِمَآءٖ وَٰحِدٖ وَنُفَضِّلُ بَعۡضَهَا عَلَىٰ بَعۡضٖ فِي ٱلۡأُكُلِۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يَعۡقِلُونَ

और धरती में आपस में मिले हुए विभिन्न खंड हैं, तथा अंगूरों के बाग़, खेती और खजूर के पेड़ हैं, कई तनों वाले और एक तने वाले, जो एक ही जल से सींचे जाते हैं, और हम उनमें से कुछ को स्वाद आदि में कुछ से बढ़ा देते हैं। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए निश्चय बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो सूझ-बूझ रखते हैं।

۞وَإِن تَعۡجَبۡ فَعَجَبٞ قَوۡلُهُمۡ أَءِذَا كُنَّا تُرَٰبًا أَءِنَّا لَفِي خَلۡقٖ جَدِيدٍۗ أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ بِرَبِّهِمۡۖ وَأُوْلَـٰٓئِكَ ٱلۡأَغۡلَٰلُ فِيٓ أَعۡنَاقِهِمۡۖ وَأُوْلَـٰٓئِكَ أَصۡحَٰبُ ٱلنَّارِۖ هُمۡ فِيهَا خَٰلِدُونَ

तथा यदि आप आश्चर्य करते हैं, तो उनका यह कहना[1] बुत आश्चर्यपूर्ण है कि क्या जब हम मिट्टी हो जाएँगे, तो क्या वास्तव में हम निश्चय एक नया जीवन पाएँगे। यही लोग हैं जिन्होंने अपने पालनहार के साथ कुफ़्र किया, तथा यही हैं जिनकी गर्दनों में तौक़ होंगे और यही नरक वाले हैं, वे उसमें सदैव रहने वाले हैं।

وَيَسۡتَعۡجِلُونَكَ بِٱلسَّيِّئَةِ قَبۡلَ ٱلۡحَسَنَةِ وَقَدۡ خَلَتۡ مِن قَبۡلِهِمُ ٱلۡمَثُلَٰتُۗ وَإِنَّ رَبَّكَ لَذُو مَغۡفِرَةٖ لِّلنَّاسِ عَلَىٰ ظُلۡمِهِمۡۖ وَإِنَّ رَبَّكَ لَشَدِيدُ ٱلۡعِقَابِ

और वे आपसे भलाई (रहमत) से पहले बुराई (यातना) को जल्दी माँगते हैं। जबकि इनसे पहले कई शिक्षाप्रद यातनाएँ गुज़र चुकी हैं। और निःसंदेह आपका पालनहार निश्चय लोगों को उनके अत्याचार के बावजूद बहुत क्षमा करने वाला है। तथा निःसंदेह आपका पालनहार निश्चय कड़ी यातना देने वाला है।

وَيَقُولُ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ لَوۡلَآ أُنزِلَ عَلَيۡهِ ءَايَةٞ مِّن رَّبِّهِۦٓۗ إِنَّمَآ أَنتَ مُنذِرٞۖ وَلِكُلِّ قَوۡمٍ هَادٍ

तथा जो काफ़िर हो गए, वे कहते हैं : उसपर उसके पालनहार की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं उतारी गई?[2] आप तो केवल एक डराने वाले हैं। तथा प्रत्येक जाति के लिए एक मार्गदर्शक है।

ٱللَّهُ يَعۡلَمُ مَا تَحۡمِلُ كُلُّ أُنثَىٰ وَمَا تَغِيضُ ٱلۡأَرۡحَامُ وَمَا تَزۡدَادُۚ وَكُلُّ شَيۡءٍ عِندَهُۥ بِمِقۡدَارٍ

अल्लाह जानता है जो हर मादा (अपने पेट में) उठाए हुए है तथा जो कुछ गर्भाशय कम करते हैं और जो ज़्यादा[3] करते हैं। और प्रत्येक चीज़ उसके यहाँ एक अनुमान से है।

عَٰلِمُ ٱلۡغَيۡبِ وَٱلشَّهَٰدَةِ ٱلۡكَبِيرُ ٱلۡمُتَعَالِ

वह परोक्ष और प्रत्यक्ष को जानने वाला, बहुत बड़ा, अत्यंत ऊँचा है।

سَوَآءٞ مِّنكُم مَّنۡ أَسَرَّ ٱلۡقَوۡلَ وَمَن جَهَرَ بِهِۦ وَمَنۡ هُوَ مُسۡتَخۡفِۭ بِٱلَّيۡلِ وَسَارِبُۢ بِٱلنَّهَارِ

तुममें से जो चुपके से बात करे और जो ऊँची आवाज़ में बोले तथा जो रात के अंधेरे में छिपा हुआ है और जो दिन के उजाले में चलने वाला है, (उसके लिए) बराबर है।

Surah hindi Translation and Transliteration

In Surah you can read the translation of Ahmad Raza Khan who was a renowned scholar of the Islamic world and his translation book is known as Kanzul Imaan. You can read the transliteration of Surah which will help you to understand how to read the Arabic text. Apart from that, we have included a Word-By-Word hindi Translation of the Arabic text of Surah .

Surah hindi Tafsir/Tafseer (Commentry)

In Surah we have included two Tafseer (Commentary) in hindi. The first one is from Mufti Ahmad Yaar Khan who was a well-known scholar. In this tafsir, we have also included the most popular Tafsir Ibn-Kathir which is the most comprehensive tafsir available in the world. You can read both or any one of your choice.

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